योगी सरकार का 17,865 करोड़ रुपये का उत्तर प्रदेश पूरक बजट 2024-25

उत्तर प्रदेश का पूरक बजट
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उत्तर प्रदेश का पूरक बजट 2024-25

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 17,865 करोड़ रुपये का दूसरा पूरक बजट पेश किया है। यह बजट न केवल राज्य की मौजूदा जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करता है, बल्कि भविष्य की विकास योजनाओं की दिशा भी तय करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह बजट राज्य की आर्थिक संरचना को सुदृढ़ करने और विभिन्न योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पूरक बजट का उद्देश्य

पूरक बजट का मुख्य उद्देश्य उन परियोजनाओं और योजनाओं को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करना है जो वर्तमान वित्तीय वर्ष में अपर्याप्त धनराशि के कारण प्रभावित हो सकती थीं। इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण पर विशेष जोर दिया गया है।

मुख्य विशेषताएं और प्राथमिकताएं

  1. ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा

ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए इस पूरक बजट में 5,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति को मजबूत करना और बिजली उत्पादन में सुधार करना है। सरकार का ध्यान बिजली वितरण प्रणाली को अधिक कुशल बनाने और उपभोक्ताओं के लिए 24×7 बिजली उपलब्ध कराने पर है।

  1. स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए 3,000 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। इसमें जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार और नई स्वास्थ्य योजनाओं की शुरुआत शामिल है। आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा को और प्रभावी बनाने के लिए भी कदम उठाए गए हैं।

  1. शिक्षा और कौशल विकास

शिक्षा और कौशल विकास पर 2,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के बुनियादी ढांचे को सुधारने, स्मार्ट क्लासरूम स्थापित करने और शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार के लिए विशेष योजनाएं शामिल हैं।

  1. कृषि और ग्रामीण विकास

कृषि क्षेत्र और ग्रामीण विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। किसानों को फसल बीमा, सब्सिडी और कृषि उपकरणों पर विशेष छूट देने की योजनाएं इस बजट का हिस्सा हैं। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को सुधारने पर जोर दिया गया है।

  1. बुनियादी ढांचा परियोजनाएं

बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सुधार के लिए 3,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें हाईवे, एक्सप्रेसवे और मेट्रो प्रोजेक्ट्स जैसे बड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी गई है। लखनऊ-वाराणसी एक्सप्रेसवे और कानपुर मेट्रो परियोजना इस बजट का प्रमुख हिस्सा हैं।

  1. महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण

महिला सशक्तिकरण और समाज के कमजोर वर्गों के लिए 1,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं।

सरकार की सोच और चुनौतियां

उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। इस दिशा में यह पूरक बजट एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं हैं।

राजस्व संग्रह: राज्य सरकार को राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए नए उपायों को अपनाना होगा।

योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन: योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करना एक बड़ी चुनौती है।

वित्तीय अनुशासन: उच्च खर्च के बीच वित्तीय अनुशासन बनाए रखना जरूरी है।

क्या है विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्ष ने पूरक बजट पर सवाल उठाए हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि बजट में घोषित योजनाएं केवल कागजों पर ही रह जाती हैं। विपक्ष का यह भी कहना है कि सरकार विकास के नाम पर जनता को गुमराह कर रही है।

जनता की उम्मीदें

जनता इस पूरक बजट से काफी उम्मीदें रखती है। खासतौर पर ग्रामीण और गरीब वर्ग के लोग सरकार से तत्काल राहत और बुनियादी सुविधाओं में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश का यह पूरक बजट राज्य की वित्तीय प्राथमिकताओं और विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हालांकि, इस बजट की असली सफलता इसकी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर निर्भर करेगी। यदि सरकार अपने लक्ष्यों को समय पर पूरा कर पाती है, तो यह बजट उत्तर प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।


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