भारत सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने के माध्यम से फर्जी राशन कार्डों की पहचान की जा रही है, ताकि केवल योग्य लाभार्थियों को ही सब्सिडी का लाभ मिल सके।
सरकार ने ई-केवाईसी प्रक्रिया की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2024 कर दिया है। पहले यह तिथि 30 नवंबर 2024 निर्धारित की गई थी, लेकिन बड़ी संख्या में लाभार्थियों द्वारा प्रक्रिया पूरी न कर पाने के कारण समय सीमा को आगे बढ़ाया गया है।
ई-केवाईसी कराना क्यों है महत्वपूर्ण?
1. पारदर्शिता सुनिश्चित करना: आधार कार्ड से जुड़ाव के माध्यम से पात्र लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित होती है।
3. सरकारी संसाधनों का सही उपयोग: इससे यह सुनिश्चित होगा कि सब्सिडी और राशन का लाभ सही व्यक्ति को मिल सके।
2. राशन कार्ड ई-केवाईसी: ई-केवाईसी करवाने से उन कार्डों की पहचान होगी जो फर्जी या डुप्लिकेट हैं।
राशन कार्ड में ई-केवाईसी कैसे करें?
1. अपने नजदीकी उचित मूल्य की दुकान (FPS) पर जाएं।
2. अपने राशन कार्ड और आधार कार्ड की एक प्रति साथ ले जाएं।
3. बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से अपनी पहचान सत्यापित कराएं।
4. प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको इसकी पुष्टि मिल जाएगी।
क्या होगा अगर ई-केवाईसी समय पर न हो?
यदि कोई लाभार्थी 31 दिसंबर 2024 तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं करता है, तो उसका राशन कार्ड अस्थायी रूप से निलंबित हो सकता है। इससे उन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले लाभ नहीं मिल पाएंगे।
राज्यों में प्रगति की स्थिति
देश के विभिन्न राज्यों में ई-केवाईसी प्रक्रिया की प्रगति अलग-अलग है। कई राज्यों में यह प्रक्रिया तेजी से चल रही है, जबकि कुछ राज्यों में अभी भी बड़ी संख्या में लाभार्थी इसे पूरा नहीं कर पाए हैं।
सरकार की अपील
सरकार सभी राशन कार्ड धारकों से अपील करती है कि वे जल्द से जल्द ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें। इससे उन्हें उनके लाभ निर्बाध रूप से मिलते रहेंगे, और किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सकेगा।
निष्कर्ष
राशन कार्ड ई-केवाईसी प्रक्रिया सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा। सभी पात्र लाभार्थियों को समय पर यह प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए, ताकि वे अपनी सब्सिडी और लाभ का निरंतर उपयोग कर सकें।