HMPV Virus :
दुनिया में जब भी वायरस का जिक्र होता है, तो सबसे पहले कोविड-19 का भयावह दौर याद आता है। वह समय जब 2019 में पहली बार दुनिया ने एक महामारी के सामने घुटने टेक दिए थे। लॉकडाउन, आर्थिक संकट और अपनों को खोने का दर्द अब भी लोगों के दिलों में ताजा है।
अब एक बार फिर चीन से कुछ चिंताजनक खबरें सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के अस्पतालों में भीड़ बढ़ती जा रही है। लोग मास्क पहने हुए नजर आ रहे हैं, और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को माइक का सहारा लेना पड़ रहा है। इन तस्वीरों को देखकर एक बार फिर लोगों में डर का माहौल बन गया है।
क्या है नया वायरस – एचएमपीवी (HMPV)?
एचएमपीवी का पूरा नाम है ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (Human Metapneumovirus)। यह वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र (Respiratory System) को प्रभावित करता है और सर्दी, खांसी, बुखार और निमोनिया जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। यह वायरस खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है।
भारत में HMPV Virus के केस
अभी तक 6 जनवरी 2025 तक कुल 6 केस भारत में भी मिल चुके हैं जिसमें पहला केस कर्नाटक में 8 महीने के बच्चे में,दूसरा केस कर्नाटक में ही 3 महीने की बच्ची में , तीसरा केस गुजरात में 2 महीने के बच्चे में , चौथा केस पश्चिम बंगाल में पांच महीने के बच्चे में और पांचवा और छठा केस तमिलनाडु के दो बच्चों में पाया गया है।
HMPV Virus कैसे फैलता है?
यह वायरस खांसी और छींक से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है।
- स्पर्श: संक्रमित व्यक्ति को छूने या दूषित सतह को छूने से संक्रमण हो सकता है।
- श्वसन मार्ग: हवा के माध्यम से संक्रमण फैल सकता है।
- हाथ से मुंह या आंखों को छूना: अगर हाथ दूषित हैं, तो संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।
लक्षण क्या हैं?
- सर्दी-जुकाम
- बुखार
- गले में खराश
- खांसी और सांस लेने में तकलीफ
- थकावट और कमजोरी
- निमोनिया और ब्रोंकाइटिस के लक्षण
कितना खतरनाक है HMPV Virus?
एचएमपीवी वायरस कोई नया वायरस नहीं है। इसे पहली बार वर्ष 2001 में खोजा गया था। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस आमतौर पर हल्की सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों का कारण बनता है, लेकिन कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए यह गंभीर हो सकता है।
खासकर प्रभावित समूह:
- छोटे बच्चे (5 साल से कम उम्र)
- बुजुर्ग (65 साल से अधिक)
- इम्युनिटी कमजोर वाले लोग (जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो)
भारत सरकार और स्वास्थ्य विभाग का रुख
भारत सरकार ने इस वायरस पर निगरानी बढ़ा दी है। आईसीएमआर (ICMR) और एनसीडीसी (NCDC) को स्थिति की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्यों को भी एडवाइजरी जारी कर दी गई है।
CDC (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, यह वायरस श्वसन संक्रमण का कारण बनता है और फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न करता है।
क्या हमें घबराने की जरूरत है?
विशेषज्ञों का मानना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
- यह वायरस 2001 से मौजूद है, इसलिए यह नई बीमारी नहीं है।
- इसके लक्षण साधारण फ्लू या सर्दी-जुकाम से मिलते-जुलते हैं।
- यह वायरस आमतौर पर हल्का संक्रमण पैदा करता है और लोगों की इम्युनिटी समय के साथ इसे हराने में सक्षम होती है।
सावधानियां और बचाव के तरीके
- हाथ धोएं: साबुन या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- मास्क पहनें: भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क का उपयोग करें।
- सामाजिक दूरी बनाए रखें: संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखें।
- वेंटिलेशन का ध्यान रखें: घर में ताजी हवा आने दें।
- खांसते या छींकते समय मुंह ढकें।
- स्वस्थ आहार लें: इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करें।
HMPV Virus और बच्चों में खतरा
बच्चों में इस वायरस का असर ज्यादा देखा जा रहा है। खासकर कमजोर इम्युनिटी वाले बच्चों को इससे अधिक खतरा है।
हाल ही में बच्चों से जुड़ी एक और खबर सामने आई थी, जिसमें मिनोक्सिडिल दवा के संपर्क में आने से बच्चों में वेयरवुल्फ सिंड्रोम जैसे लक्षण देखे गए थे। हालांकि, यह खबर बाद में अधूरी साबित हुई। बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में पैनिक ना करें और हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।
एचएमपीवी वायरस का नाम कैसे पड़ा?
वायरस का नामकरण एक अंतरराष्ट्रीय समिति ICTV (International Committee on Taxonomy of Viruses) के द्वारा किया जाता है। यह समिति वायरस के गुण, संरचना और प्रभावों के आधार पर उन्हें नाम देती है।
एचएमपीवी वायरस को भी इसी प्रक्रिया के तहत 2001 में वर्गीकृत किया गया था।
निष्कर्ष
एचएमपीवी वायरस भारत सहित कई देशों में फैल चुका है। हालांकि, यह नया वायरस नहीं है और इसके लक्षण हल्के सर्दी-जुकाम जैसे हैं। फिर भी, छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है।
क्या करें?
- सरकारी एडवाइजरी का पालन करें।
- अफवाहों से बचें और सटीक जानकारी पर भरोसा करें।
- इम्युनिटी बढ़ाने पर ध्यान दें और स्वच्छता का पालन करें।
इम्युनिटी को बढ़ाएं
- विटामिन सी और जिंक युक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
- ताजे फल, सब्जियां, और प्रोटीन युक्त आहार लें।
- भरपूर पानी पीएं।
- नियमित व्यायाम और योग करें।
ध्यान दें: स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और खुद से इलाज करने से बचें।
थैंक यू सो मच!
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