ब्लड टेस्ट कितने होते हैं और कौनसे टेस्ट से क्या पता चलता है

blood test kitne hote hai
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blood test kitne hote hai ,किस ब्लड टेस्ट से किस बीमारी के बारे में जानकारी मिलती है यह जानकारी आम लोगों बहुत कम ही मालूम होता है जिसकी वजह से यह जानकारी उन्हें बार-बार डाक्टर से पूछनी पड़ती है। अगर आप भी इसके बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए।

ब्लड टेस्ट क्या है [What is a blood test]

जब हमें स्वास्थ्य सम्बंधित कोई समस्या होती है तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं कुछ मामलों में डॉक्टर हमें खून की जांच कराने के लिए बोलतें है। खून की जांच कराने से पता चल जाता है कि हमें क्या बीमारी है और इसका इलाज पॉसिबल हो पाता है।

कुछ बीमारियां तो ऐसी हैं जिनका पता सिर्फ ब्लड टेस्ट से यानी खून की जांच कराने से ही पता चलता है। अधिकतर मामलों में हमारे शरीर में होने वाली बीमारियों का पता ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट से मालूम हो जाता है।

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ब्लड टेस्ट कितने प्रकार का होता है (blood test kitne hote hai)

वैसे तो ब्लड टेस्ट कई प्रकार के किये जाते हैं लेकिन आज हम जानेंगे कुछ महत्वपूर्ण ब्लड टेस्ट के बारे में ,जिनका मुख्य रूप से इश्तेमाल किया जाता है।अगर आप एक मेडिकल स्टूडेंट है तो यह जानकारी आपके लिए काफी हेल्पफुल रहेगी। लेकिन अगर आप मेडिकल विद्यार्थी नहीं है तो भी आपको इतनी जानकारी तो होनी ही चाहिए।

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केमिस्ट्री पैनल और कम्प्लीट ब्लड काउंट  {CBC}

केमिस्ट्री पैनल और सीबीसी आपके शरीर की सारी जानकारी एक साथ देता है इस जांच में नाड़ी , किडनी ,लीवर और ब्लड सेल्स की सिचुएशन का ऐस्टीमेशन करने के लिए जरूरी जानकारी मिलती है,

लाल रक्त कोशिकाओं, श्वेत रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स का स्तर डॉक्टरों को एनीमिया , संक्रमण, सूजन और अन्य स्थितियों जैसी संभावित समस्याओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है।इस टेस्ट से ब्लड शुगर के बारे में भी जानकारी मिलती है और कैल्शियम पोटेशियम और आयरन जैसे महत्वपूर्ण मिनरल का भी ऐस्टीमेशन होता है।

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फाइब्रिनोजेन टेस्ट

ब्लड का थक्का जमाने में फाइब्रिनोजेन की अहम भूमिका होती है। फाइब्रिनोजेन का लेवल अगर बढ़ जाता है तो दिल का दौरा बढ़ने का रिस्क बढ़ जाता है रूमेटाइड गठिया ,किडनी में सूजन  जैसे डिसऑर्डर भी हो जाते हैं और इससे मौत का खतरा भी बढ़ जाता है इसलिए इस ब्लड टेस्ट के जरिए इसके लेवल का पता लगाया जाता है।

हीमोग्लोबिन A1c {HbA1C}

शरीर में ग्लूकोस की सिचुएशन का ऐस्टीमेशन करने के लिए यह टेस्ट किया जाता है इस ब्लड टेस्ट के जरिए पिछले 2 से 3 महीने में ब्लड शुगर की कंट्रोल का मेज़रमेंट होता है और डायबिटीज होने या ना होने की सिचुएशन में किसी व्यक्ति में हार्ट डिसीज होने का कितना खतरा है इस टेस्ट के जरिए पता लगाया जाता है।

प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन {PSA}

यह पुरुषों में प्रोस्टेट ग्लैंड द्वारा बनाए जाने वाला एक प्रोटीन होता है इस टेस्ट के जरिए प्रॉस्टेट ग्लैंड के बढ़ने उसमें होने वाली जलन और प्रोस्टेट कैंसर जैसी जानकारी ली जाती है

होमोसिस्टीन ब्लड टेस्ट

होमोसिस्टाइन एक एमिनो एसिड है जिनका बढ़ा हुआ लेबल हार्टअटैक और बोन फ्रैक्चर होने की रिस्क बढ़ा देता है ऐसे में इस ब्लड टेस्ट के जरिए उस होमोसिस्टीन का पता लगाया जाता है।

थाइरोइड स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन {TSH}

यह हार्मोन थायराइड ग्लैंड से निकलने वाले हार्मोन के रिसाव को कंट्रोल करता है इस हार्मोन के कम या ज्यादा होने की सिचुएशन का पता लगाने के लिए यह ब्लड टेस्ट किया जाता है।

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फ्री टेस्टोस्ट्रोन

महिला और पुरुषों की एडिनल ग्लैंड में बनने वाला यह हार्मोन महिलाओं की ओवरी और पुरुषों के टेस्टिस में भी बनता है उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओ और पुरुषों में टेस्टोस्ट्रोन का लेवल कम हो सकता है।

इस लेवल के कम होने से पुरुषों में हार्ड डिसीज का खतरा बढ़ सकता है और महिलाओं में मोनोपॉज के दौरान किस हार्मोन का लेवल कम होने से नेचर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं इस लेवल को चेक करने के लिए यह टेस्टोस्टरॉन टेस्ट कराया जाता है।

बीटा एचसीजी प्रेगनेंसी टेस्ट-

यह ब्लड टेस्ट प्रेगनेंसी का पता लगाने के लिए किया जाता है। जब यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट किट [UPT] में सही टेस्ट नहीं आता है ,उससे सही जानकारी नहीं मिल पाती है तब यह ब्लड टेस्ट कराया जाता है

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