gram pradhan ke karya aur paisa ग्राम प्रधान के कार्य

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gram pradhan ke karya – जो गांव का प्रधान होता है वो हमारे देश के लोकतंत्र का वास्तविक संस्थापक होता है ग्राम प्रधान को गांव की सभी वास्तविक समस्याओ की जीतनी जानकारी होती है उतनी जानकारी किसी को नहीं होती है प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और ब्लॉक प्रमुख को भी उतनी जानकारी नहीं होती इनको सूचना पहुंचाई जाती है।

क्योकि ग्रामप्रधान उसी गांव में रहता है जिस गांव का वो प्रधान होता है। इसलिए ग्रामप्रधान अपने गांव की और गांव में रहने वाले लोगों की व्यक्तिगत समस्या को जनता है और उसे हल भी कर सकता है इसलिए लोकतंत्र का सबसे प्रमुख किरदार गांव के प्रधान का होता है।

गांव के प्रधान को प्रमुख योजनायें बनाने का भी अधिकार है यानि वो वार्ड मेंबर और गांव के लोगो को बुला करके उस गांव के लिए निचे दी योजना लिस्ट मे से कोई अगर नई योजना है तो वो बना सकता है और उस योजना को जिला अधिकारी ,मुख्यमंत्री या जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री को भी भेज सकता है

gram pradhan ke karya aur paisa

 

अगर वो इस योजना को अस्वीकार करते है तो उन्हें उसका कारण भी बताना पड़ेगा और समुचित कारण ना मिलने पर gram pradhan को न्यायालय भी जाने का अधिकार है।

भारत का जो संबिधान है उसका अनुसूची 11 में पंचायती राज्य व्यवस्था का वर्णन है और अनुच्छेद 243 छ में ग्रामसभा के कुल 29 कार्य उनका वर्णन किया गया है। उन 29 कार्यो में से जो सबसे महत्व पूर्ण कार्य है हम उनके बारे में जान लेते है।

अब हम जान लेते है की gram pradhan ke karya क्या हैं और एक ग्राम पंचायत में कितना पैसा आता है

gram pradhan ke karya ki list

  • कृषि
  • भूमि सुधर
  • सिंचाई
  • पशुपालन
  • मत्स्य पालन
  • लघु वन
  • पेय जल
  • सड़क
  • विद्युति करण
  • गरीब उन्मूलन
  • शिक्षा
  • बाजार या मेले
  • परिवार कल्याण
  • दुर्बल वर्गों का ध्यान
  • वितरण प्रणाली
  • आवास योजना
  • पेंसन

आदि।

ग्राम पंचायत या ग्राम प्रधान के कार्य

कृषि – गांव में कृषि से जुड़ा हुआ  सभी कार्य ग्रामप्रधान का होता है
भूमि सुधार – आप जानते है गांव में नवीन परती होती है बंजर होती है और ऊसर होते है तो बंजर और ऊसर जमीन को कैसे सुधारा जाये इसकी पूरी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है और किसी नवीन परती में यदि घर बना हो तो उसे पट्टा करने का अधिकार भी ग्रामप्रधान का होता है।
सिंचाई – गांव में अगर छोटे छोटे नहरों या नालो से किसानो को सिचाई करने की व्यवस्था नहीं है तो इसके लिए भी वो योजना बना करके जिला अधिकारी ,मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री तक भेज सकते है। गांव में सिंचाई की पूरी ब्यवस्था बनी रहे इसकी भी पूरी जिम्मेदारी gram pradhan की होती है।
 
पशुपालन – गांव में रहने वाले पशुओ के लिए भी ग्राम प्रधान को पानी की व्यवस्था करानी होती है।
मत्स्य पालन – जो तालाब पट्टा होते है उन तालाबों में मछली का पालन करवाना या
किसी व्यक्ति को कितने साल  लिए  आवंटित करना भी ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी होती है।
लघु वन – गांव में जो पेड़ पौधे हर साल जुलाई के महीने में लगाए जाते है वो कहा लगाए जायेंगे
इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रधान की होती है।
पेय जल –  गांव में सरकारी स्कूलों में या अन्य किसी व्यक्तिगत जगहों पर पानी की ब्यवस्था करना ,
कुओं की मरम्मत कराना या नल ख़राब है उसकी मरम्मत या फिर नया नल  लगवाना
ग्राम प्रधान का कार्य होता है।
सड़क – प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में नयी सड़क बनवाना ,पुरानी सडको की मरम्मत
करवाना या सड़क कहा तक जाएगी कितनी चौड़ी होगी इसकी डिसाइड gram pradhan करता है।

 विद्युति करण-

गांव में हर जगह बिजली की ब्यवस्था करना प्रधान का कार्य होता है अगर बिजली की व्यवस्था
नहीं है तो उसके लिए ग्राम प्रधान सरकार से मांग कर सकता है। और सरकार को पैसा विद्युती
करण के लिए देना पड़ेगा।
गरीब उन्मूलन – यदि गांव में कोई गरीब है खाने के लिए नहीं है उसके पास खेत भी नहीं है तो उसके लिए खाने की व्यवस्था ,गांव की खाली पड़ी सरकारी जमीन को पट्टे करना अगर वह व्यक्ति ज्यादा गरीब है उसके घर में शादी है या उसके घर में किसी की मृत्यु हो जाती तो उनके लिए पैसो की व्यवस्था करना या उनको रोजगार देना gram pradhan का कार्य होता है।
 
शिक्षा – गांव में शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी ग्रामप्रधान की है। प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालय में भोजन का कार्यक्रम की जिम्मेदारी ,स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो व् स्कूल की पूरी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है।
बाजार या मेले – प्रधान गांव में बाजार लगवा सकता है  मेले लगवा सकता है और उनसे टेक्स भी वसूल सकता है उस टेक्स से गांव के लिए योजना बना सकता है।
परिवार कल्याण – छोटा परिवार सुखी परिवार की भी ग्राम प्रधान की होती है
 
दुर्बल वर्गों का ध्यान – अगर गांव में कोई दुर्बल वर्ग  हैं जैसे अल्पसंख्यक हो sc /st हो या उनकी स्थिती काफी ख़राब है तो उनके लिए योजना बनाना प्रधान का कार्य है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली – कोई भी योजना सरकार की तरफ से आती है तो
उसे गांव के सभी व्यक्तियों को एक सामान बटवाना जैसे राशन
आवास योजना – गांव के जिन गरीबो के पास पक्का घर ना हो उन्हें आवास देना
gram pradhan का कार्य होता है।
 
पेंसन – गांव में विधवा महिला ,विकलांग व्यक्ति और 60 साल से ज्यादा उम्र के महिला
या पुरुष को पेंसन दिलाने का काम ग्राम प्रधान का होता है।

गाँव के विकास में कितना पैसा आता है

गांव के विकास के लिए बहुत पैसा आता है और उस पैसे के जिम्मेदार गांव का  प्रधान होता है । अगर gram pradhan गांव के विकास में आये हुए रुपयों का 70 %  रूपया खर्च करे तो एक ही पंचवर्षी में गांव का बहुत ज्यादा विकास हो जाये।
अगर गांव की जनसँख्या 1000  से 2000 के बीच है तो लगभग उस गांव में हर साल 4000000 से 5000000 रूपया हर साल आता है।
मान लीजिये एक वर्ष में 4000000 रूपया आता आता है तो पांच वर्ष 20000000 रूपया होता हैजो की एक छोटे से गांव के विकास के लिए आता है।
अगर किसी गांव की जनसँख्या ज्यादा है जैसे 4000 ,5000 या 10000 तो उसी के हिसाब से
पैसा भी आएगा। अब आप खुद से अनुमान लगा सकते है।
आप जानते है जो प्रधान बनता है वो पैसे खर्च करके बनता है इसलिए वो पहले पैसे वसूल
करते है फिर लाभ कमाते है इसलिए गांव का विकास नहीं हो पता है।
लेकिन अगर उस गांव के नागरिक समझदार हो जागरुक हो तो प्रधान ज्यादा नहीं बचा सकता। क्योकि आजकल इंटरनेट का जमाना है लोग चाहे तो rti  के माध्यम से ब्यौरा भी ले सकते है। प्रधान चाहकर भी पैसे नहीं खा सकता है।
आशा करता हू आप सभी को मालूम हो गया होगा की gram pradhan ke karya क्या हैं
और ग्राम पंचायत में कितना पैसा आता है।

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