1 फरवरी 2025: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से जुड़े नए नियम आज से लागू हो गए हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा किए गए इन बदलावों का उद्देश्य यूपीआई लेन-देन को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाना है।
यूपीआई के नए नियम यूपीआई भुगतान को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए यह बदलाव किया गया है। यदि आपकी यूपीआई एप पुरानी ट्रांजैक्शन आईडी फॉर्मेट का उपयोग कर रही है, तो उसे जल्द से जल्द अपडेट करें। अन्यथा, आपको भुगतान में परेशानी हो सकती है।
यूपीआई आईडी बनाने के नियम बदले
अब यूपीआई आईडी बनाने के लिए कुछ नए मानक तय किए गए हैं। नए नियमों के अनुसार:
- UPI आईडी में स्पेशल कैरेक्टर (@, #, $, आदि) का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
- केवल अक्षर (a-z) और संख्याएं (0-9) ही उपयोग की जा सकती हैं।
ट्रांजैक्शन आईडी में बदलाव
- अब यूपीआई ट्रांजैक्शन आईडी में भी स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया गया है।
- इससे डिजिटल लेन-देन में अधिक स्पष्टता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
यूपीआई लाइट में सुधार
यूपीआई लाइट का उपयोग छोटे लेन-देन के लिए किया जाता है, जिससे बिना यूपीआई पिन डाले तुरंत भुगतान संभव होता है। इस सेवा में निम्नलिखित बदलाव किए गए हैं:
- प्रति लेन-देन की सीमा ₹500 से बढ़ाकर ₹1,000 कर दी गई है।
- यूपीआई लाइट वॉलेट की कुल सीमा ₹2,000 से बढ़ाकर ₹5,000 कर दी गई है।
ऑटो-टॉप अप सुविधा
- अब यूपीआई लाइट में ऑटो-टॉप अप फीचर जोड़ा गया है।
- जब वॉलेट बैलेंस एक निर्धारित सीमा से कम होगा, तो यह स्वचालित रूप से रीचार्ज हो जाएगा।
- उपयोगकर्ता अपनी सुविधा के अनुसार न्यूनतम बैलेंस सीमा सेट कर सकते हैं।
इन बदलावों के मुख्य उद्देश्य
यूपीआई लेन-देन को अधिक सुरक्षित बनाना।
उपयोगकर्ताओं के लिए यूपीआई को सरल और सहज बनाना।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना।
यूपीआई के नए नियम का पालन जरूरी
यदि आप यूपीआई का उपयोग करते हैं, तो इन नए नियमों के बारे में जानकारी रखना आवश्यक है। इनका पालन न करने पर लेन-देन में परेशानी हो सकती है।
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अधिक जानकारी के लिए
इन नए नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आप NPCI की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।
यूपीआई भारत में डिजिटल भुगतान का एक प्रमुख माध्यम बन चुका है। ये यूपीआई के नए नियम इसे और भी सुरक्षित, सरल और उपयोगी बनाएंगे, जिससे डिजिटल लेन-देन का अनुभव बेहतर होगा।











