zika virus in india : कितने दिनों से कोरोना वायरस ने लोगो को परेशान कर रखा है अब खबर ये भी आ गई है की भारत में zika virus भी आ चुका है। केरल सरकार ने कन्फर्म किया है की भारत में zika virus के एक दर्जन से ज्यादा केश मिले है आंकड़ा और भी बढ़ने का खतरा है ऐसे में जानना जरुरी हो जाता है की आखिर ये zika virus क्या है इसके लक्षण क्या हैं और इसकी शुरुवात कहा से हुई।
zika virus in india |
zika virus कहाँ से फैला है
zika virus सबसे पहले 1947 में अफ्रीका के युगांडा में जीका [ zika ] जंगल के बंदरो में पाया गया था। जीका युगांडा के एक जंगल का नाम है इसीलिए इसका नाम जीका वायरस पड़ गया था।
पहले बंदरों में मिला 1947 में फिर पांच साल बाद 1952 में तंजानिया के लोंगो में पाया गया। तंजानिया अफ्रीका के युगांडा में है जहाँ पहली बार zika virus की पुष्टी इंसानो में किया गया था।
उसके बाद से कई देशों में इसके मरीज मिल चुके है पांच साल पहले ब्राजील में कई लोग जीका वायरस से बीमार पड़ गए थे लेकिन भारत जीका वायरस के केस अब सामने आये है।
ज़ीका वायरस क्या है
जीका वायरस भी कोरोना वायरस की तरह एक वायरस ही है जो एडीस एजिप्टाई मच्छर से फैलता है ये वायरस बहुत साल पहले 1947 में अफ्रीका में यह जीका वायरस मिला जिसके बाद मध्य और दक्षिणी अमेरिका में साल 2015 में ही बड़ी संख्या में काफी ज्यादा इंफेक्शन फैला था। इसका सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओ और नवजात शिशुओं देखा गया।
जिसका कोई इलाज अभी तक नहीं बन पाया है और अभीतक ना तो इसकी कोई वैक्सीन बन पायी ना ही कोई टीका लगता है।
पर राहत की बात ये है की यह कोरोना वायरस की तरह जानलेवा नहीं है जीका वायरस के संक्रमण का जो असर है वो डेंगू से हुए बुखार या फिर पीला ज्वर ,वेस्ट नाइल वायरस से हुए बुखार के जैसे ही होता है।
जीका वायरस कैसे फैलता है
zika virus एडीस एजिप्टाई [ aedes aegypti ] नाम के मच्छर के काटने से फैलता है इस मच्छर की प्रजाति से डेंगू का वायरस भी फ़ैल जाता है यह गर्भवती महिला से उसके बच्चे में भी संक्रमण पहुँच सकता है। हालाँकि ये संक्रमण किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है लेकिन इसका जोखिम सबसे ज्यादा प्रेगनेंट महिलाओं को होता है।
मच्छर के काटने के आलावा ये गर्भवती माँ से बच्चे में या किसी जीका वायरस के मरीज का खून चढ़ाने से या जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित सेक्स सम्बन्ध बनाने से भी फ़ैल सकता है।
इसी मच्छर के काटने से चिकनगुन्या और येलो फीवर यानि पीला बुखार भी फैलता है।
जीका वायरस के लक्षण क्या हैं
संक्रमित व्यक्ति के खून में जीका वायरस आमतौर पर एक सप्ताह तक रहता है जिसके लक्षण में बुखार ,सर दर्द ,आँखों में जलन ,बदन पर दाने निकलना और जोड़ो में दर्द होना जैसे दिखाई देते है। विश्व स्वाथ्य संगठन [ WHO ] के अनुसार जीका वायरस लाइफ साइकिल 3 से 14 दिनों तक होता है। ज्यादा तर लक्षण दूसरे से सातवे दिन दिखाई देते हैं।
बहुत बार इसके लक्षण कई लोगों में दिखाई ही नहीं देते है। जानकारी के मुताबिक जीका वायरस के लक्षण पाँच व्यक्ति में से किसी एक व्यक्ति को ही दिखाई देता है। हालाँकि इस वायरस से बीमार किसी भी व्यक्ति को मरते नहीं देखा गया है।
यह भी पढ़े : WHO क्या हैं
जीका वायरस के प्रभाव
जीका वायरस से कैसे बचें
मच्छरों से बचाव करना ही जीका वायरस से बचाव का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी लगाकर सोये।
अपने घरो के आसपास गंदे पानी और कचड़े जमा ना होने दे जिससे मच्छर कम पैदा हो।
अगर आप किसी ऐसी जगह से यात्रा करके आये हो जहाँ पर इस वायरस का संक्रमण फैला हो तो जांच जरूर करवाये और जरुरत पड़ने पर आइसोलेशन में कुछ समय जरूर बिताये।
रोकथाम ही ज़ीका वायरस का इलाज है
ये जानकारिया अलग अलग श्रोतों से जुटाई गई है इनकी पुष्टि dailytak.com नहीं करता है किसी भी तरह की परेशानी हो तो अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें