arthritis kya hai :भारत मे आर्थराइटिस बीमारी के हर साल लगभग 10 मिलियन केसेस सामने आते है आर्थराइटिस जो सुनने में एक बहुत ही आम बीमारी लगती है पर इसके आंकड़े बहोत ही हैरान करने वाले है।
12 अक्टूबर को विश्व आर्थराइटिस दिवस मनाया जाता है यह केवल अर्थराइटिस के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए है लेकिन निराशा की बात तो यह है की बहुत से लोग अभी भी अर्थराइटिस के बारे में आवश्यक जानकारी से वंचित है । इसीलिए हम आपके लिए आर्थराइटिस से जुड़ी आवश्यक जानकारी लेकर आए हैं।
आर्थराइटिस क्या है[arthritis kya hai]
आर्थराइटिस यानी जोड़ों की बीमारी जिसे गठिया के नाम से भी जाना जाता है यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें जोड़ों के दर्द के साथ सूजन भी आती है और आजकल के बदलती लाइफस्टाइल की वजह से यह बीमारी उम्र के वर्ग तक सीमित नहीं रही है बल्कि अब कम उम्र में भी विकसित हो जाती है आर्थराइटिस बीमारी एक या एक से अधिक जोड़ों को प्रभावित कर सकती हैं।
वैसे तो गठिया के लक्षण आमतौर पर समय के साथ विकसित होते हैं लेकिन ये अचानक भी दिखाई दे सकते है
आंकड़ों के अनुसार आर्थराइटिस बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाया गया है और खासकर उन महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है जिन महिलाओं का वजन ज्यादा होता है।
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आर्थराइटिस कितने प्रकार का होता है
अर्थराइटिस यानी गठिया रोग मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है
1 Rheumatoid arthritis रुमेटाइड आर्थराइटिस
2 Osteo arthritis ऑस्टियो आर्थराइटिस
रुमेटाइड आर्थराइटिस Rheumatoid arthritis kya hai
इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की स्थिति में व्यक्ति के जोड़ों के दर्द के साथ साथ सूजन भी हो जाता है रुमेटाइड आर्थराइटिस ज्यादातर 40 से 50 साल के व्यक्ति को होता है।
ऑस्टियो आर्थराइटिस Osteo arthritis kya hai
ऑस्टियो आर्थराइटिस जोड़ों में दर्द और अकड़न करने वाली बीमारी है इस बीमारी का पूरी तरह से इलाज संभव नहीं हो पाता है लेकिन सही समय पर इसकी पहचान करके इलाज शुरू करने से अनेक प्रकार के उपचार काम कर सकते है।
arthritis के लक्षण क्या हैं
हम किस प्रकार की गठिया की बीमारी से प्रभावित हैं इसकी जानकारी के लिए हमें चिकित्सा सहायता की जरूरत होती है लेकिन हम कुछ लक्षण से जरूर पहचान सकते हैं कि हम arthritis से प्रभावित है या नही
- जोड़ों में दर्द होना आर्थराइटिस यानी गठिया का सबसे बड़ा लक्षण है
- मांसपेशियों में कमजोरी होना
- थकान महसूस होना
- अर्थराइटिस के पेशेंट के जोड़ों में अकड़न और सूजन आ जाती है जिसकी वजह से चलने फिरने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है और यह स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत ही तकलीफ दायक हो सकती हैं
- बहुत बार यह भी देखा गया है कि जिस जोड़ों में परेशानी होता है उस जगह पर लाल पड़ जाता है और फिर दर्द शुरू होता है
- जोड़ों के दर्द के साथ-साथ शरीर में बुखार का रहना
arthritis क्यों होता है
Osteo arthritis : कार्टिलेज आपके जोड़ों का एक सॉफ्ट टिसु है जब आप चलते हैं तो यह जोड़ों पर दबाव डालता है और इस दबाव पर निरीक्षण करना (observe) कार्टिलेज का काम होता है और इसी कार्टिलेज टिश्यू की मात्रा में कमी होने के कारण गठिया रोग arthritis होता है।सामान्य चोट लगने के कारण और जोड़ों में इन्फेक्शन के कारण भी यह arthritis हो सकता है।
Rheumatoid arthritis : यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है यह तब होता है जब वाइट ब्लड सेल अपने ही कार्टिलेज पर हमला करती हैं जिससे कार्टिलेज को पोषण और जोड़ों को चिकनाई नहीं मिल पाती है
यह बीमारी कभी-कभी पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार के सदस्यों में फैलती रहती है मतलब उन लोगों को अर्थराइटिस होने की ज्यादा संभावना होती है जिनके परिवार में पहले से ही किसी को आर्थराइटिस की बीमारी हुई होती है।
रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाने पर भी यह बीमारी हो जाती है
गलत खान पान और जीवन शैली आर्थराइटिस बीमारी का सबसे बड़ा कारण होता है जैसे अधिक मात्रा में मांस मछली खाना ,शराब पीना ,ज्यादा मसालेदार भोजन करना
हम सब जानते हैं कि कैल्शियम हमारे शरीर शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाता है तो अगर हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी होती है तो भी आर्थराइटिस बीमारी हो सकती है
मोटापा अधिक होने के कारण भी आर्थराइटिस हो सकता है
गलत दवाइयों का सेवन करने से भी गठिया रोग हो सकता है
arthritis होने पर क्या क्या परेशानियां हो सकती हैं
जोड़ो का खराब होना अर्थराइटिस का मुख्य जोखिम होता है जिस व्यक्ति का जोड़ खराब हो जाता है तो उसे चलने फिरने के लिए घुटना बदलवाना (knee replacement) ही एकमात्र साधन हो सकता है
अर्थराइटिस के कुछ ऐसे भी पेशेंट मिले हैं जिन्हें आंखों से संबंधित परेशानी भी होने लगती है और यदि इसका समय रहते इलाज नहीं कराया जाता है तो यह अंधे होने का कारण भी बन सकता है
गठिया होने के बाद ना केवल प्रभावित जोड़ों में दर्द होता है बल्कि साथ ही गर्दन में सीने में और इसके अलावा और भी अंगों में दर्द होने लगता है और यह दर्द बहुत ही पीड़ादायक होता है
अर्थराइटिस मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर डालता है और ऐसा होने से संक्रमण होने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है और व्यक्ति कमजोर हो जाता है।
arthritis से कैसे बचा जा सकता है
आंकड़े दर्शाते हैं कि अर्थराइटिस के रोगियों की तादाद काफी तेजी से बढ़ती जा रही है इसकी वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है
लेकिन समय रहते अगर इसकी रोकथाम कर ली जाए तो अर्थराइटिस यानी गठिया रोग से बचा जा सकता है क्योंकि इससे बचाव ही इसका सबसे बड़ा उपचार हैअर्थराइटिस का इलाज समय रहते करना जरूरी है
संतुलित आहार आपको इस बीमारी से बचाने में काफी मदद करता है
गठिया शरीर में अत्यधिक यूरिक एसिड होने से भी होता है इसलिए ध्यान रखना चाहिए कि हम ऐसा आहार ना लें जिससे यूरिक एसिड बहुत अधिक बढ़ जाए
अदरक ,सौंठ, मेथी आदि चीजों का नियमित सेवन करके अर्थराइटिस यानी गठिया रोग से बचा जा सकता है
मोटापा को कम करके भी अर्थराइटिस से बचा जा सकता है जिससे जोड़ों पर दबाव कम पड़ता है
गठिया बीमारी से बचने के लिए आपको रोजाना 20 से 25 मिनट व्यायाम जरूर करना चाहिए जिससे आपका मोटापा भी कंट्रोल में रहता है और शरीर भी स्वस्थ रहता है
आशा करता हूँ arthritis kya hai इसकी पूरी जानकारी आपको मिल गई होंगी।